ये भारत माँ हमारी है
जो जान से बढ़ प्यारी है
क्यों बेडी से फिर बांध दिया
अपनों को जलील किया
पहले बेडिया दूजी थी
आज बेडिया अपनी है
मुक्त करू बेडियो से
भूके लपकते भेड़ियो से
ऐसा न हो देर हो जाये
माता का सर अलग हो जाये
जब न होंगे इसमें प्राण
जी न सकोगे अब बन कर गुलाम
जल्दी से वक़्त को पछानो
माता के बंधन मुक्त करादो
अविनाश रामदेव
bhart mata ki jay
ReplyDeletenice pic & nice creative also
मातृभू को शत-शत नमन!
ReplyDeletejai hind
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