Wednesday, February 17, 2010

Bharat mata ke bandhan

Pahele bedia dooji thi aaj bedia aapni hai

ये भारत माँ हमारी है
जो जान से बढ़ प्यारी है
क्यों बेडी से फिर बांध दिया
अपनों को जलील किया
पहले बेडिया दूजी थी
आज बेडिया अपनी है
मुक्त करू बेडियो से
भूके लपकते भेड़ियो से
ऐसा न हो देर हो जाये
माता का सर अलग हो जाये
जब न होंगे इसमें प्राण
जी न सकोगे अब बन कर गुलाम
जल्दी से वक़्त को पछानो
माता के बंधन मुक्त करादो
अविनाश रामदेव

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